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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रार्थी यह भी चाहता है कि आप एक नए मुस्लिम वक्फ बोर्ड (Muslim Waqf Board) का भी गठन करें और जितनी भी वक्त की संपत्तियां हैं.
मेरी मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि उस अस्पताल का नाम भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर किया जाए. उन्होंने कहा की वैसे भी सरकार द्वारा दी गई या जबरदस्ती हासिल की गई जमीनों पर मस्जिदों का निर्माण नहीं होता. मुनव्वार राना ने आगे लिखा कि मैं चाहता हूं कि मेरे पास रायबरेली में जो साढे 5 बीघा जमीन है वह सई नदी के किनारे है. वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया जाए. वहां पर ऐसी शानदार इमारत बनाई जाए कि जो लोग इस तरफ से गुजरे हैं, वह अलमगीर मस्जिद और बाबरी मस्जिद का दीदार कर सकें.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रार्थी यह भी चाहता है कि आप एक नए मुस्लिम वक्फ बोर्ड का भी गठन करें और जितनी भी वक्त की संपत्तियां हैं. उनको इतने वक्त बोर्ड से संबंध करें. उन्होंने उम्मीद जताई कि माननीय उच्चतम न्यायालय जिसने राम जन्मभूमि के पक्ष में निर्णय दिया है वह उच्चतम न्यायालय अपना सम्मान बढ़ाने के लिए मुसलमानों की वक्फ की संपत्तियों जिन पर नाजायज कब्जे हैं. उन्हें मुस्लिम समाज को कम से कम समय में दिलाने का कष्ट करें ताकि हम मस्जिद और अस्पताल के प्रोजेक्ट को पूरा कर सकें. अंत में उन्होंने लिखा कि प्रार्थी सब कुछ समाज के लिए कर रहा है उसका इसमें कुछ भी व्यक्तिगत लाभ नहीं चाहिए.
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